UGC Dual Degree Rule: अब मान्य होंगी एक साथ ली गई दो डिग्रियां, लाखों छात्रों को राहत

UGC Dual Degree Rule


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए छात्रों को एक साथ दो डिग्री करने की अनुमति दे दी है। पहले जहां एक ही समय में दो डिग्री करना अमान्य था, अब इस नई व्यवस्था के तहत छात्र एक ही सत्र में दो अलग-अलग विषयों में डिग्री कोर्स कर सकते हैं। यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जो लचीली, बहुविषयक और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देती है।

इससे छात्रों का न केवल समय बचेगा बल्कि वे विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता हासिल कर सकेंगे, जिससे करियर के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। उदाहरण के लिए, अब एक छात्र बीए के साथ बीएड या बीकॉम के साथ एमए इंग्लिश जैसे दो कोर्स एक साथ कर सकता है, बशर्ते वह UGC के निर्धारित नियमों का पालन करे।

2 डिग्री एक साथ करने के लिए जरूरी शर्तें

UGC ने स्पष्ट किया है कि दोनों डिग्री कोर्स की कक्षाओं की समय-सारणी एक-दूसरे से टकरानी नहीं चाहिए। छात्र चाहें तो दोनों डिग्रियां रेगुलर मोड में कर सकते हैं, या फिर एक रेगुलर और दूसरी ओपन/ऑनलाइन मोड में। दोनों कोर्स UGC से मान्यता प्राप्त संस्थानों से होने चाहिए।

यह सुविधा केवल अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) स्तर के डिग्री और डिप्लोमा कोर्स के लिए मान्य है। पीएचडी जैसे शोध-स्तरीय पाठ्यक्रम इस दायरे से बाहर रखे गए हैं। इसके तहत दो कोर्सों में अलग-अलग दाखिला लेना अनिवार्य होगा और दोनों संस्थानों की प्रवेश शर्तें भी पूरी करनी होंगी।

छात्रों को क्या होंगे फायदे?

इस फैसले का सबसे बड़ा लाभ छात्रों को समय बचाने और बहुआयामी ज्ञान प्राप्त करने में मिलेगा। अब वे तीन साल में केवल एक नहीं, बल्कि दो डिग्री पूरी कर सकते हैं, जिससे उनका करियर तेजी से आगे बढ़ सकता है। साथ ही, मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा उन्हें प्रतियोगी बना देगी, क्योंकि कंपनियां अब ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं जिनके पास विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव और ज्ञान हो।

यह सुविधा उन छात्रों के लिए भी उपयोगी है जो एक साथ पेशेवर और सामान्य विषयों में पढ़ाई करना चाहते हैं। जैसे, कोई छात्र बीए के साथ-साथ बीएलआईएस या एमबीए जैसी व्यावसायिक डिग्री भी हासिल कर सकता है। इससे उनकी योग्यता और रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा।

आर्थिक रूप से कमजोर और ओपन लर्निंग छात्रों को मिलेगा लाभ

UGC का यह फैसला ओपन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी बेहद लाभकारी है। अब वे रेगुलर कोर्स के साथ ओपन या ऑनलाइन मोड में दूसरा कोर्स कर सकते हैं। विशेष रूप से उन छात्रों के लिए यह बड़ा अवसर है जो आर्थिक कारणों से रेगुलर कॉलेज नहीं जा पाते।

अब वे अपनी पसंद के विषय के साथ किसी पेशेवर या रोजगारोन्मुख कोर्स को एक साथ कर सकते हैं और अपने करियर को नई दिशा दे सकते हैं। यह लचीलापन छात्रों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मजबूत करेगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपयाआधिकारिक वेबसाइट से ही नवीनतम और सटीक जानकारी प्राप्त करें।

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